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काम क्रोध, मद राम के आगे नाशवान, दैनिक लेखनी कहानी -22-Aug-2024

काम, क्रोध, मद राम के आगे नाशवान 


हे परमेश्वर !तुम हो कृपानिधान, तुम्हीं हो गुणों के मंदिर ,

कृपा करो सबपे, गुण और निर्गुण आप दोनों ही हैं ईश्वर।

प्रभुजी आपका प्रबल प्रताप सूर्य के प्रकाश के समान है,

काम, क्रोध,मद,अज्ञान अंधकार आपके आगे नाशवान है।


आप सर्वदा ही भक्तजनों के मनरूपी वन में निवास करते,

अपने भक्तों का सदैव ही कल्याण करने का प्रयास करते।

कोमल चित्त वाले प्रभु, हे रघुनाथ ! आप तो हैं दीनदयाल,

आपकी कृपा जिसपे हो जाए जीवन उसका हो खुशहाल।


क्रोध के वशीभूत होकर या डूबकर आलस्य के प्रमाद में,

प्रेम-भाव या बैर-भाव से जो भी करते राम का गुणगान।

प्रभु रघुनाथ को शीश नवाकरया  सिर्फ़ स्मरणमात्र से ही, 

राम करते समस्त प्राणियों का दसो दिशाओं में कल्याण।


महक उठेगा हमारा जीवन, गर संग होंगे हमारे रघुनंदन,

राम नाम के बहती गंगा में भिंगो सकेंगे अपने तन- मन।

रघुनाथ को समर्पित जिसने भी किया है  अपना जीवन,

कृपा किया करते प्रभु ले लिया करते हमें अपनी शरण।


राम नाम है अतिपावन,राम ही हमारे जीवन का आधार ,

राम की कृपा हुई अगर, तो समझ लीजिए है  बेड़ा पार ।

राम नाम की महिमा तो इस कलिकाल में  है अपरम्पार , 

दो अक्षर के राम नाम में समझ लीजिए शक्ति है अपार।


~~~राजीव भारती

पटना-बिहार (गृह नगर)

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1 Comments

Arti khamborkar

21-Sep-2024 08:48 AM

beautiful

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